tag:blogger.com,1999:blog-8534420496180705347.post2520636642009166756..comments2023-10-22T21:35:30.876+05:30Comments on मन की लहरें: मन का अभेद्य अंधकारमन की लहरेंhttp://www.blogger.com/profile/15167461728431243414noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8534420496180705347.post-80042239885456323042010-09-13T08:00:19.432+05:302010-09-13T08:00:19.432+05:30मन का अँधेरा जहाँ से भी गुजरे
बिना देखे ही उजाले ...मन का अँधेरा जहाँ से भी गुजरे<br /><br />बिना देखे ही उजाले को निगल जाता है - <br />इसी लिये मन को आलोकित रखना होगा ।<br /> कलुष के अंधेरे को चीरना होगा ।<br />अच्छी प्रस्तुति पर इतनी निराशा क्यूं । मन के रहते भी सत्य देख लें ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.com