जिंदगी -वेदांत और विज्ञान दोनों का विषय

केवल हाड़ माँस मज्जा ख़ून .. इनको समझ लेने से जिंदगी समझ नही आती और अगर हाड़ माँस मज्जा ख़ून को अलग कर दो तो जिंदगी बच नही पाती। इसीलिए चेतना या जिंदगी केवल वेदांतिक नही रहा... विज्ञान का भी विषय बन गया है।
-अरुण

Comments

Popular posts from this blog

लहरें समन्दर की, लहरें मन की

तीन पोस्टस्

लफ्जों की कश्तियों से.........