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३१ जनवरी २०१६

रुबाई ****** दिल की धड़कन ..मन की मन मन... धमनियाँ हैं तर देख चलती जिंदगानी और ...........उसका हर असर अपने भीतर और बाहर.. .........जिंदगी जिंदा सबक़ व्यर्थ के प्रवचन सभी सब ........... और चर्चा बेअसर - अरुण

३० जनवरी... हिन्दी २०१६

 1-1-2016 V एक शेर एक शेर ******** कपड़ों से मै ढका क्या.. कपड़ा ही बन गया कपड़े ही बन गये.......मेरी पहचान के सहारे अरुण एक शेर ******** शब्दों में विश्वास भले दिखता जीवित प्राणों को संदेह .....दिआ करता कंपन - अरुण एक शेर ******** दिल धडकता ख़ून फिरता प्राण चलते हैं जिंदगी इसके अलावा कुछ नही बस ख़्वाब है अरुण एक शेर ******** एक जैसी सरलता हो.....एक जैसी सहजता फ़र्क़ क्या? गर एक छोटा हो बड़ा हो दूसरा अरुण एक शेर ******** ईश का अस्तित्व मानो या न मानो अपना होना ही....उसी का है सबूत अरुण एक शेर ********* जान है सो जानना ही है महज़,फिर ज्ञान ज्ञानी का पता क्यों ढूँढते ? - अरुण एक शेर ********* मन न होता, न होती दुनियादारी कभी अ-मन ही तो... अमन का जरिया खरा अरुण एक शेर ********* माने हुए पर हो रहा जिसका गुज़ारा सच देखने का कष्ट वह करता नही अरुण सच का सच ************* नदी जबतक.......पूरी की पूरी सूख नही जाती सारा मैदान............एक का एक नही दिखता असत्य जबतक.. पूरा का पूरा दिख नही जाता सच का सच..................प्रकाशित नही होता अरुण ए...

2 January 2016

एक शेर ******* आँखें खुली हुई हैं............रौशन है रास्ता फिर भी न कुछ भी देखूँ मन-तमस के सिवा अरुण एक शेर ********* ढेरों किताबें पढ़ लूँ फिर भी न हो समझ रस सत्य में नही.....बस बखान में जो है अरुण एक शेर ******** तेरी कुछ कहूँ , कुछ आकाश की भी कहूँ शायद ........तुम्हारे पंखों में हौसला जगे अरुण एक शेर ******** दवा की खोज है किस काम की यारों जहाँ बीमार ही सब रोग की जड़ है अरुण रुबाई ****** ख़्वाबों के दीप भीतर इक रौशनीसी फैले इस रौशनी में चलते दुनिया के सारे खेले करवट बदलती भीतर जबभी कभी हक़ीक़त कपती है रौशनी....उठते हैं जलजले अरुण एक शेर ******** चढ़ाओ फूल माला कुछ भी मिलना है असंभव चढ़ाओ 'ख़ुद' को फिर हर साँस में उसकी रवानी अरुण रुबाई ------------- दिक्कतें हल नही होतीं कभी पूरी की पूरी प्यास मिटती ही नही कभी पूरी की पूरी दिखानेवाले ने तो धरी सामने पूरी तस्वीर देखनेवाले ने न देखी कभी... पूरी की पूरी अरुण एक शेर ******** किसी और ने दिया मुझको मेरा नाम पता बीज में अपने तलाशूँ तो असल जान सकूँ अरुण एक शेर ******** सीखने की प्यास ही...