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१५ अप्रैल हिंदी

15 April 2016 एक शेर ******* जिसके लिए बदन हो किरायेका इक मकान उसको न चाहिए कुई चादर मज़ार पर -अरुण एक शेर ******** मौज उठती ओ उठाती है........ कई मौजों को आदमी उठ्ठी लहर.. इसके सिवा कुछभी नही - अरुण एक शेर ******** जैसी लगती वैसी होती है नही ये जिन्दगी है यही कारण के सच कभी नही देखा गया - अरुण एक शेर ******** जो जी ली जिंदगी उसीको नये से जीना फिर कहना कि है ये नई .... सच नही - अरुण एक शेर ******** एक पल ही जिंदगी है मगर हमको क्या पता हमने तो याद-ओ-खाब से रिश्ता बना लिया - अरुण एक शेर ******** अपने ही जहन्नुम में साँस लेते हुए देखते खाब तो जन्नत के ख़्यालमें डूबे - अरुण एक शेर ******** रुक न सके... तन-मन से.. जिंदगी का धुआँधार बहाव एक दिन तो टूटेंगे ही.... ये किनारे, ये बाँध और पड़ाव - अरुण एक मुक्तक *********** पूरीतरह से साँस लो पूरीतरह से छोड आधीअधुरी जिंदगानी काम की नही - अरुण बेहतर है नज़ारों से नज़ारों को देखना आधीअधुरी नज़र किसी काम की नही - अरुण एक शेर ******** देखना और दिखना एक ही काम के दो नाम साकारना यह सत्य जीवन में...है सत्यक...