गांधीजी को व्यापक लोक-समर्थन मिला परन्तु वे इस समर्थन के बहाव में कभी बह नही गये, इस तथ्य को ध्यान में रखकर ही किसी की तुलना गांधीजी से करनी होगी । केवल यह देखकर की अपने चलाये आंदोलन से जनता खुश है, यह निष्कर्ष निकाल लेना की जनता अब कुछ भी करो या कहो, समर्थन देगी ही, एक बड़ी भूल होगी । सच्चे कारण के लिए, सच्चे मार्ग से किये गये आग्रह को ही सत्याग्रह कहा जाता है । समर्थन की लालच और समर्थन की ढाल बनाकर की जाने वाली ब्लैकमेलिंग को सत्याग्रह नही कहा जा सकता । जब जबाब देने की बात आयी तब मौनव्रत धारण करने वाले ‘ आधुनिक गांधी ’ ऊपर लिखी बात पर कृपया गौर करें । ................................................................................... अरुण