जीवन-सत्य का सम्यक दर्शन
बहुत पहले कहीं पढा था कि मनुष्य मूलतः दो उप-प्रणालियों वाली एक जीवन-प्रणाली है। ये उप-प्रणालियाँ हैं- ऊर्जा-पदार्थ प्रणाली एवं सूचना प्रणाली। अपनी आत्म-अनुसंधान की प्रक्रिया के दौरान मुझे इन उप-प्रणालियों का साक्षात्कार हुआ। मन,बुद्धि, विचार, स्मृति आदि सूचना प्रणाली द्वारा और अन्न-जल सेवन, शारीरिक कर्म एवं व्यायाम आदि ऊर्जा-पदार्थ प्रणाली द्वारा संचालित हैं। दोनों प्रणालियों पर ध्यान स्थिर होते ही एक ऐसा अवधान जागता है जिसमें मनुष्य सकल जीवन-सत्य का सम्यक दर्शन करने में समर्थ हो जाता है।
....................................................................................... अरुण
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