31 March 2016
एक शेर ******** जो नही पाया जनम.........मरने का उसके इंतजार जिसका होना सच नही उस ‘मै’ को क्योंकर मारते - अरुण एक शेर ******** जो बिलकुलI साफ़ होता है नही आता नज़र हवा छूकर निकल जाये.... नही आती नज़र - अरुण एक शेर ******** अपनी ख्वाहिशों को जिंदगी में ढालने के बजाय जी लेने दो ख़ुद जिंदगी को....... उसकी धुन में - अरुण मुक्तक ******* कमाना ज्ञान हो तो कोशिशें करनी पड़ें धरा है सामने बस बूझना काफ़ी हुआ जिनको मिला ऐसेही सस्ते में मिला है जिनको नही..... वे जूझते ही रह गये - अरुण एक शेर ********* बदल रही है जगह या बदल रहा है स्वरूप खड़ी है वस्तु सगर...... राह पे चलते चलते - अरुण सगर=सभी एक शेर ******** जो बीत गई वो बीत गई.. जिंदा नही है याद में आना किसीका..कोई आना नही है - अरुण एक शेर ******** हर कदम पे असलियत को भूलना चाहे मगर, उसकी चर्चा उम्रभर करता रहे - अरुण एक शेर ****** जबतलक आदमी... आदमी से मुख़ातिब न था झंझटें रिश्तों की बसा करती थी........कोसों दूर - अरुण एक शेर ******* जी लेना जिंदगी को..न जाने क्या होता है? अबतक तो जिंदगी ने ही जिया...