भगवान न्याय या अन्याय नही करता
भगवान न्याय या अन्याय नही करता
वह जो भी करता है
वह अस्तित्व का
स्वभाव मात्र है
न्याय अन्याय की बातें
मनुष्य समाज के चिंतन का
विषय है
इसीलिए प्रायः
अरुणा शानबाग को दया मृत्यु
‘दें या नही’-
इसबारे में भारतीय न्यायलय
पशोपेश में है
- मनुष्य दया मृत्यु की वैधता का
गलत इस्तेमाल कर सकता है -
यह चिंता न्यायलय को घेरे हुए है
पुलिस की गोली चल पड़े तो
सामने आए किसी को भी मार देती है
चाहे वह टेररिस्ट हो या निर्दोष नागरिक
मकान की छत के नीचे
अच्छे भी मरते हैं और बुरे भी
अस्तित्व का नियम अच्छा बुरा नही सोचता
वैसे तो वह कुछ सोचता ही नही
बस घटता जाता है
.............................................. अरुण
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