समझ और ज्ञान

सामने जो भी वस्तु खड़ी हो

आईने में पूरी की पूरी उतर आती है

टुकड़ों टुकड़ों में प्रतिबिंबित नही होती

अंतर-दृष्टि भी ऐसी ही अखंडित हो तो

समझ (Wisdom) फलती है

अन्यथा केवल

ज्ञान (Knowledge) ही उत्पन्न होता है

सत्य-बोध के लिए समझ की

जरूरत है ज्ञान की नही

........................................ अरुण


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