दुःख का जन्म ही थम जाए
दुःख दूर नही किया जा सकता है
हाँ , उसे टाला जा सकता है
दुःख का कारण दूर हो जाए
–बस
परन्तु यह कारण
कहीं बाहर नही
दुःख की अनुभूति में ही
छुपा हुआ है
जिसे त्रयस्थ भाव से देखना बन पड़े
तो दुःख का जन्म ही थम जाए
................................ अरुण
Comments