मुक्तक

मुक्तक
******
आकार देख पाया नही .........निराकार को
नाम दे सको न कभी तुम.........अनाम को
धुरी नही हो ऐसा कोई...... चक्र भी कहाँ
इच्छा करे ना.. ऐसा कोई मन नही कहीं
-अरुण

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

पुस्तकों में दबे मजबूर शब्द

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के