कुछ शेर

ख्याले उलझन को 'नजर' देखे
तो अचानक सुलझ जाते हैं ख्याल

तजुर्बे हो न हों, 'नजर' साफ हो
ऐसों का दिल हुआ मासूम

जिम्मेदारी ओ खतरों से भागनेवाले
किसी 'दामन' को थाम लेते हैं
................................................ अरुण

Comments

Popular posts from this blog

लहरें समन्दर की, लहरें मन की

लफ्जों की कश्तियों से.........

तीन पोस्टस्