कुछ शेर

दुनिया से मांग ली है ये अपनी गुलामी
लोगों को कोसने का कारण नही हमें

'ये मेरा- नही, मेरा', दोनों झगड़ रहे
आपस में बांटते है मगर 'मर्ज' बराबर

............................................... अरुण

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