नज़र से नज़रिये से नही

नज़र से नज़रिये से नही
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रास्ते पर रखकर अपनी चौकस नज़र
चालक सुरक्षित गाड़ी चलाता है
फिर, जिंदगी की गाड़ी क्यों हम,
अपनी चौकस नज़र से नही,
अपने नज़रिये से चलाते हैं ?
-अरुण

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