कुछ शेर
अपने कदम किधर हैं इसका पता नही
अगला मुकाम क्या हो यह तय हो चुका
तू राजे महब्बत की बातें न कर
बातों से मुहब्बत नही की जाती
एक किस्सा ढल चुका है जेहन में
जिन्दगी की लिख रहा जो इक किताब
.................................................. अरुण
अगला मुकाम क्या हो यह तय हो चुका
तू राजे महब्बत की बातें न कर
बातों से मुहब्बत नही की जाती
एक किस्सा ढल चुका है जेहन में
जिन्दगी की लिख रहा जो इक किताब
.................................................. अरुण
Comments
बातों से मुहब्बत नही की जाती
-वाह! बहुत खूब!
बातों से मुहब्बत नही की जाती
खूबसूरत शेर बधाई
बातों से मुहब्बत नही की जाती
बहुत ही सही बात कह डाली है ......बेमिशाल