इन सवालातों से हटकर.....

सामने दो राह उनमें कौन से मेरी हुई

इन सवालातों से हटकर है, जो चोटी पर खड़ा

..................................

नीतिमत्ता के प्रश्न

संसार के व्यापार में उलझे

हर बंदे के लिए हैं

जिसने संसार से उबर कर

पूरी वास्तविकता का

भान रख्खा उसका हर कदम

उचित ही होगा

................................... अरुण

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