आम नही, ना खास हुआ
'मेरा'- 'अपना' इन शब्दों की नही कुई गुंजाईश
इक तिनका भी इस दुनिया का आम नही, ना खास हुआ
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अस्तित्व एक भी तिनके का कोई भी मालिक नही है
यह अस्तित्व सब का है और किसी का भी नही
....................................................................... अरुण
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