विज्ञान और तत्वबोध

हर वैज्ञानिक शोध-चिंतन सापेक्ष ही होता है । यह जब सहजता से, निरपेक्षता की कक्षा में प्रवेश करता है, तत्व- चिंतन में रूपांतरित हो जाता है । विज्ञान ही तत्वबोधी हो सकता है ।
-अरुण

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