जानता हूँ पर देख नहीं पाता
जिस रास्ते पर चलता हूँ
वहां की सभी बाधाओं के बारे में भलीभांति
जानता हूँ.
हर गढ्ढे की गहराई का समुचित ज्ञान है,
फिर भी हर बार धोखा खा जाता हूँ,
फिर फिर, बाधाओं से टकराता हूँ, गढ्ढ़ों
में गिर जाता हूँ,
शायद, बाधाएं जब सामने होतीं हैं... मै
उन्हें देख नहीं पाता
-अरुण
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