सच्चाई जानना और देखना

पृथ्वी गोल है इस सच्चाई को

मानव की बुद्धि ने

कभी का जान लिया था

परन्तु इसकी गोलाई को

मानव ने पहली बार तब देखा

जब उसकी आँखे पृथ्वी की कक्षा छोड़

अंतरिक्ष में जा पहुंची

जीवन की वैश्विक सच्चाई को

मनुष्य बुद्धि से जान ले

यह पर्याप्त नही है

उस सच्चाई को देखने के लिए

मन संचालित बुद्धि की कक्षा को छोड़

सकल दृष्टि वाले अंतरिक्ष से

जीवन अवलोकन जरुरी है

............................................... अरुण

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

पुस्तकों में दबे मजबूर शब्द

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के