इंसान और कायनात

इंसान चिंतित है

अपने जन्म और मृत्यु को लेकर

मगर सारी कायनात का अस्तित्व बस

जीवन की धारा के

बहते रहने में है

कायनात

एक एक आदमी के जन्म मृत्यु का

हिसाब लगाते नही बैठती

........................................ अरुण

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