सारा ध्यान कदमों के चलने पर है
कल रामनवमी थी
घर के कुछ सदस्यों को उपवास था
यानी उन्होंने रोज का
अन्न-भोजन सेवन करने की
जगह फलहार भोज किया
‘फलहार’- केवल नाम मात्र का
जिसकी आड में तरह तरह के चटपटे व्यंजन बने
जो रोज के खाने से हट के थे
अपनी जगह से उकताया आदमी
नयी जगह की ओर चल तो पडता है
पर उसके कदम उसे अपनी ही जगह के ओर
ले आते हैं
सारा ध्यान कदमों के चलने पर है
कदमों की दिशा पर नही
...................................... अरुण
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