कुछ शेर

कुछ शेर
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बिना किसी टकराहट के भीड़ से गुज़र जाना या बिना किसी तकरार के भीड़ में घुलमिल जाना
-अरुण
धुएँ से खेलनेवाले आग की भी ख़बर रखते हैं
ज़िंदगी ही हो आग जैसी जिनकी..
धुएँ का हिसाब नही रखते
-अरुण
हर पल का अलग चेहरा उसको ही नजर आए 
जिसमें न बना करती........बेजान समय-रेखा
-अरुण


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