मन में ही ऐसा हो सके

"चीज़ में उतर आए चीज़ को पहचाननेवाला। पहचाननेवाले में उतर आती है चीज़ें पहचानी गई"
ऐसा चमत्कार जिस जगह घटता है वह जगह मन को छोड़कर दूसरी कोई नही।
-अरुण

Comments

Popular posts from this blog

तीन पोस्टस्

पाँच विचार

लहरें समन्दर की, लहरें मन की