खुद के जानने का तरीक़ा भिन्न

ख़ुद को जानने का तरीक़ा भिन्न
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"दुनिया को समझने के सारे साधन उपलब्ध हैं..
मगर ये साधन
ख़ुद को समझने के काम नही आते" यह बात
समझतक पहुँचती या न पहुँचती कि
उससे पहले ही
आदमी सभी उपलब्ध साधनों के चक्कर में फँसकर
निराश हो चुका होता है..
या इन साधनों में से किसी में उलझ चुका होता है
-अरुण

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