कुछ शेर

दौलत पे मिलकियत का क्योंकर करें गुमान
सच तो यही कि दौलत का मै बना गुलाम

कोशिश के जोर से तो कुछ भी हुआ हो हासिल
सच का तो कोशिशों से कोई न वास्ता
........................................... अरुण

Comments

कोशिश के जोर से तो कुछ भी हुआ हो हासिल
सच का तो कोशिशों से कोई न वास्ता

Behtareen !
Udan Tashtari said…
बहुत उम्दा!!
Jyoti said…
सच का तो कोशिशों से कोई न वास्ता...
सच..सच...

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