कुछ शेर
खुद में ही डूब जाए खुद ही से हस पड़े
मस्ती भरा है उसको पागल न जानना
घाव ढक दे ऐसा मरहम, घाव भर दे ऐसा मरहम
कौनसा तेरे लिए खुद फैसला करना
जीता हूँ जिंदगी मै चेहरे बदल बदल कर
असली शकल का मुझको कोई पता नहीं
.................................................. अरुण
मस्ती भरा है उसको पागल न जानना
घाव ढक दे ऐसा मरहम, घाव भर दे ऐसा मरहम
कौनसा तेरे लिए खुद फैसला करना
जीता हूँ जिंदगी मै चेहरे बदल बदल कर
असली शकल का मुझको कोई पता नहीं
.................................................. अरुण
Comments
असली शकल का मुझको कोई पता नहीं
-बहुत सही!!
असली शकल का मुझको कोई पता नहीं
umda khyal!
log apni pahchan hi kho dete hain is duniya ke saath chalne mein.
असली शकल का मुझको कोई पता नहीं
बहुत सुन्दर