एक गजल

Comments

Udan Tashtari said…
चन्द लम्हों की मुलाकात का जादू कैसा
जिंदगीभर उन्ही लम्हों का किया करते गुरुर


-बहुत खूब जनाब!! वाह!!

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

पुस्तकों में दबे मजबूर शब्द

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के