मन की तरंग

क्या ईश्वर है ?
ईश्वर के बाबत अज्ञानियों के तीन प्रकार मौजूद हैं
पहले वे जिनके भीतर गहरे में संदेह तो है पर उस संदेह को दबाते हुए
'हम ईश्वर को मानतें हैं'- ऐसा कहतें हैं
दूसरे वे जो कुछ जाने बिना ही 'हम ईश्वर को नही मानते'- ऐसी घोषणा कर
जिम्मेदारी से भाग लेतें हैं
तीसरे वे जो ईमानदारी से स्वीकारतें है कि 'पता नही ईश्वर है भी या नही'
उन ईमानदारों के जीवन में ईश्वर को जानने क़ी कुछ तो संभावना बनती है
ज्ञानी वही है जिसे ईश्वर पर विश्वास नही उसका पूरा एहसास ही है
ऐसा एहसासी ऐसी कोई भाषा नही जानता जिसमें ईश्वर के बाबत
कोई भी संवाद किया जा सके
क्योंकि सभी भाषाएँ अज्ञानियों ने रचीं हैं
......................................................................... अरुण

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