पुनर्जन्म
पानी में बुलबुले हैं -
कहीं एक टूटा तो कहीं एक उभरा
एक आया तो एक लौटा
आते और जाते बुलबुलों के बीच क्या कोई रिश्ता है ?
परन्तु बुद्धि उन में रिश्ता देख लेती है
बुद्धि कहती है जो गया वही तो आया
जो आया, वह लौटने के बाद ही तो आया
पुनर्जन्म की कल्पना क्या इससे अलग है ?
आते जाते बुलबुले,
पानी की बस अभिव्यक्ति है
पानी से वे अलग नही हैं
इतना ही ध्यान आ जाए तो काफी है
................................................... अरुण
कहीं एक टूटा तो कहीं एक उभरा
एक आया तो एक लौटा
आते और जाते बुलबुलों के बीच क्या कोई रिश्ता है ?
परन्तु बुद्धि उन में रिश्ता देख लेती है
बुद्धि कहती है जो गया वही तो आया
जो आया, वह लौटने के बाद ही तो आया
पुनर्जन्म की कल्पना क्या इससे अलग है ?
आते जाते बुलबुले,
पानी की बस अभिव्यक्ति है
पानी से वे अलग नही हैं
इतना ही ध्यान आ जाए तो काफी है
................................................... अरुण
Comments
पानी की बस अभिव्यक्ति है
पानी से वे अलग नही हैं
इतना ही ध्यान आ जाए तो काफी है...
हर लहर या बुलबुले को जाकर उसी सागर में सामना है
आत्मा के परमात्मा का अंश होने जैसा ही तो है ...!!