अहंकार का तमस
जलती मोमबत्ती पकड़कर चलो
चारो ओर होगा प्रकाश और
ठीक हाँथ के नीचें होगा अंधकार
ठीक इसीतरह अहंकार कितना ही
सजग क्यों न हो
कितना ही ध्यान क्यों न फैलाये
उसके केंद्र में होगा उसका अपना तमस
अहंकार का एक भी तमस बिंदु
जबतक बाकी हो
सारा प्रकाश अज्ञानमय ही है
भले ही उसे प्रतिष्ठा क्यों न प्राप्त हो
........................................... अरुण
चारो ओर होगा प्रकाश और
ठीक हाँथ के नीचें होगा अंधकार
ठीक इसीतरह अहंकार कितना ही
सजग क्यों न हो
कितना ही ध्यान क्यों न फैलाये
उसके केंद्र में होगा उसका अपना तमस
अहंकार का एक भी तमस बिंदु
जबतक बाकी हो
सारा प्रकाश अज्ञानमय ही है
भले ही उसे प्रतिष्ठा क्यों न प्राप्त हो
........................................... अरुण
Comments