‘बेदागी’- शब्द को नया आयाम

आमतौर पर सार्वजनिक जीवन में

बेदागी व्यक्ति ऐसे व्यक्ति को कहा गया है

जिसके नाम पर कोई भी

अपराध या दुष्कृत्य दर्ज न हो और

उसकी सामाजिक प्रतिमा भी

अच्छी एवं आकर्षक हो

परन्तु अण्णा हजारे वाले एपिसोड ने इस परिभाषा को

एक नया आयाम दे दिया है

जिसके अनुसार

व्यक्ति का बेदागी होना ही काफी नही

वह जिस भीड़ के आधीन है या जिस

भीड़ को संचालित करता है

वह भी दाग-मुक्त हो

इस नए आयाम वाले बेदागी बहुत कम हैं

अगर हैं भी तो

सार्वजानिक दृष्टि-पथ से बाहर हैं

............................................... अरुण

Comments

वाह ! अरुण जी,
इस कविता का तो जवाब नहीं !
वाह ! अरुण जी,
इस कविता का तो जवाब नहीं !

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