मन की तरंग
परिक्षा मन की
जो वस्तु आग के संपर्क में हो उसीकी
ज्वलनशीलता या तापधारकता को पहचाना जा सकता है
ठीक इसीतरह
समाज संपर्क में रहकर ही हम जान सकते हैं कि
हम धार्मिक हैं कि प्रापंचिक
'पानी' में डूबा क्या जाने कि वह
ज्वलनशील (प्रापंचिक) है या नही
भ्रमवश वह स्वयं को धार्मिक हुआ समझ सकता है
............................................................ अरुण
जो वस्तु आग के संपर्क में हो उसीकी
ज्वलनशीलता या तापधारकता को पहचाना जा सकता है
ठीक इसीतरह
समाज संपर्क में रहकर ही हम जान सकते हैं कि
हम धार्मिक हैं कि प्रापंचिक
'पानी' में डूबा क्या जाने कि वह
ज्वलनशील (प्रापंचिक) है या नही
भ्रमवश वह स्वयं को धार्मिक हुआ समझ सकता है
............................................................ अरुण
Comments
bahuUT KHUB
SHEKHAR KUMAWAT
http://kavyawani.blogspot.com/