क्षण ही जीवन

मनुष्य 'समय' पर यात्रा करता है
जब की परमात्मा का
'समय' पर है निवास
मनुष्य का जीवन क्षण क्षण की कड़ी को
जोड़कर बनता है
परमात्मा हर उस कड़ी को
एक सम्पूर्ण जीवन के तौर पर
जी रहा है
मनुष्य का जीवन 'समय' का जुडाव है
और 'समय' है
परमात्मा का पड़ाव
..................... अरुण

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