एक दोहा
एक दोहा
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अगला कुई न जानता, अगले में .....का होय?
यह गुर जो भी जान ले, बिना किसी डर सोय
- अरुण
जो भी लोग अगला या भविष्य को जानने की बाधा से ग्रस्त हैं, वे नादान हैं। भविष्य किसी को भी पता नहीं होता, न पता हो सकता है ।
क्योंकि समय या काल एक मनोवैज्ञानिक उत्पाद है, अस्तित्वगत तथ्य नही।
- अरुण
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