एक चिंतन
एक चिंतन
**************
लोगों को सुखी कैसे रख्खा जाए?
-------इसपर सभी समाज एवं अर्थ विचारक सोचते रहते हैं ।
लोगों के मन में सुख दुःख सम्बन्धी भावनाएं कब और क्यों उभरती है?
-------- इसका उत्तर मनोवैज्ञानिक देता है ।
मानवमात्र के सुख दुःख को लेकर किसने क्या कहा?
-----------इसे दार्शनिक खोजता एवं उसका विवेचन करता है ।
सुख दुःख का परमअस्तित्व में क्या कोई स्थान है ?
----------इसपर, रहस्य-दृष्टा अपने को एवं अपने समाजी संबधो को
प्रति पल पूरी तरह निहारते हुए, सुखदुख के मिथ्यापन को भी देखता रहता है ।
अरुण
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लोगों को सुखी कैसे रख्खा जाए?
-------इसपर सभी समाज एवं अर्थ विचारक सोचते रहते हैं ।
लोगों के मन में सुख दुःख सम्बन्धी भावनाएं कब और क्यों उभरती है?
-------- इसका उत्तर मनोवैज्ञानिक देता है ।
मानवमात्र के सुख दुःख को लेकर किसने क्या कहा?
-----------इसे दार्शनिक खोजता एवं उसका विवेचन करता है ।
सुख दुःख का परमअस्तित्व में क्या कोई स्थान है ?
----------इसपर, रहस्य-दृष्टा अपने को एवं अपने समाजी संबधो को
प्रति पल पूरी तरह निहारते हुए, सुखदुख के मिथ्यापन को भी देखता रहता है ।
अरुण
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