कुछ शेर

सांसे भी खुद-ब-खुद, धड़कन भी खुद- ब -खुद
आसां सहल था जीना, दुष्वार क्यों हुआ ?

दिल में सुकून है, कोई तलब नहीं
ये तो दिमाग है कि जिसके कई सवाल

नाकाम मुहब्बत की बनती है कहानी
होता है मिलन तो चर्चा नहीं होता
................................................... अरुण

Comments

Udan Tashtari said…
अच्छे रहे शेर!!

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