एक चिंतन

लोगों को सुखी कैसे रख्खा जाये?
-इसपर सभी समाज एवं अर्थ विचारकों ने सोचा है
लोगों के मन में सुख दुःख सम्बन्धी भावनाएं कब और क्यों उभरती है?
- इसका उत्तर मनोवैज्ञानिक देता है
लोगों के सुख दुःख को लेकर किसने क्या कहा?
-इसे दार्शनिक खोजता एवं बताता है
सुख दुःख का परमअस्तित्व में क्या स्थान है ?
- इसे रहस्य-दृष्टा अपने में एवं अपने समाजी संबधो के भीतर झांक कर प्रति क्षण देखता रहता है
................................................................................. अरुण

Comments

alka mishra said…
सत्य चिंतन
अब विश्लेषण कीजिये
Udan Tashtari said…
सार्थक चिन्तन...अब अलका जी की बात सुनिये.

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