आज के रूहानी शेर
जुबां से बयाने सच, मुमकिन मगर सच पकड़ना, जुबां के बस में नही ......................... शक उठाने औ उसे दूर किये जाने पर बात तह तक समझ में आती है ........................ पल पल जिए, सच्चाई अपनी नजारा- ए- वक्त, बदलता रहता है ....................... जमीं से उठ्ठी भाप के दरिया सी शख्सियत कैसे जमीं को थामे जो गहरी हकीकत ................................................ अरुण