कुछ शेर ताजा ताजा

सरहदें हैं जबतलक महफूज दिल में
इरादा जंग का मिटता नही
.........
तशनालब को ही है तलाश उस पानी की
बाकी तो बस जाम लिए बैठे हैं
...................
झूठ से भागोगे तो बात बिगड़ जाएगी
झूठ को जाने बिना सच को देखा किसने
.................
जंगल में पेड़ तनहा चुपचाप खड़ा
हो तनहा तो इन्सान बडबडाता है
................................................ अरुण

Comments

Udan Tashtari said…
बहुत बढ़िया.

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

पुस्तकों में दबे मजबूर शब्द

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के