आज के दोहे

निर्बाधित ऊर्जा रमें परमशक्ति की गोद
मन की बाधा रोक दे, परमशक्ति का बोध
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सपने के सब यार दें, निद्रा में ही साथ
उनसे कैसी दोस्ती, दिवस गया जब जाग
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सपना देखे आदमी वास्तव को अनदेख
माया उभरे सत्य को गलत तरह से देख
............................................... अरुण

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