प्रकाश के रास्ते में ......
प्रकाश के रास्ते में
प्रकाश को रोके खड़ा हो गया
सामने खड़ी हो गई एक परछाई
जिंदगी कट गई पर
लाख कोशिश के बावजूद भी
परछाई को हटा न पाया
रास्ते से हट जाना भी
मेरे बस में कहाँ
बस बचा एक ही उपाय
मै स्वयं ही प्रज्वलित हो जाऊं
फिर कभी भी, कहीं भी कोई परछाई न होगी
प्रकाश अपने रास्ते से
गुजर जाएगा सीधे सीधे
.................................. अरुण
Comments
खुदी को कर बुलंद इतना की हर ताबीर लिखने से पहले,
खुदा बन्दे से खुद पूछे की क्या तेरी रजा क्या है ?
पर देखा जाए तो राजा तो खुदा ही बक्श रहा है,
अब ये खुदा चीज़ ही कुछ कमबख्त है,
की किसी को मालूम नहीं की आखिर है क्या...
जिन्दगी की भी यही कहानी है,
पता किसी को नहीं,
इललिये अटकले जारी है ...
लिखते रहिये ...