दिव्य-दृष्टि का तात्पर्य



देह दृष्टि को देख सकने के लिए चाहिए प्रकाश,
दृश्य पर प्रकाश न हो तो दृष्टि को सिवा अंधेरे के,
कुछ भी दिखाई न देगा.
दिव्य दृष्टि स्वयं प्रकाशयुक्त है,
उसे बाहरी प्रकाश की कोई आवश्यकता नहीं होती
ध्यान (Total Attention) ऐसी ही दिव्य-दृष्टि का नाम है
- अरुण


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