पागलपन दो ढंग का

पागल दो प्रकार के होते हैं -

एक वे जिन्हें वास्तव न तो दिखता है और न

समझ आता है

और दूसरे वे जो

अपने पागलपन को ही

वास्तव मान लेतें हैं

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एक न जानने के कारण पागल

तो दूसरे मान लेने के कारण पागल,

दोनों प्रकार दोनों में ही देखने को मिलते हैं,

शिक्षितों में तथा अशिक्षितों में भी

............................................... अरुण

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