झूठ से उभरे झूठ
झूठ से उभरा झूठ,
झूठ को
वास्तव जान पडता है
झूठ की इस सारी प्रक्रिया के प्रति जो सजग है
वह इस मिथ्या-वास्तव (Vertual Reality) से परे रहता है,
मुक्त रहता है
........................................................................ अरुण
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