नीति नियम सामाजिक व्यवस्था के लिए हैं – -वे जीवन की अंतिम सच्चाई नही हैं

सामाजिक स्वास्थ्य एवं व्यवस्था

के लिए नीति नियम बने है,

वे उपयोगी तो हैं परन्तु उनका पालन करते समय

जीवन की क्षण क्षण की चलायमान

सच्चाई के प्रति सावधान रहना भी जरूरी हैं

बिना सावधानी के नियमों का पालन करना

एक यांत्रिक और असम्बद्ध कृति है

समुद्र में विहार करती मछलियाँ

आपस में बिना टकराए तैरती हैं किसी भी नियम का पालन किए बगैर

उनकी आपसी समझ और निरंतर बनी सावधानी ही

उन्हें किसी भी टकराहट से बचाती है

............................................. अरुण

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