इसपर गौर करें



जिंदगी को पढ़नेवाले लोग, अक्सर
गलत निष्कर्षों तक पहुँचते है,
क्योंकि संभावना यही होती है
कि..जिंदगी को पढ़ने से पहले ही
वे निष्कर्षों पर पहुंचे हुए होते है
-अरुण   

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