ध्यान

ध्यान........
आदमी का शरीर ज़िंदा वर्तमान है
मन उसका.........भूत का संचार है
दैनिक यांत्रिक जीवन के लिए, भूत उपयोगी है
भूत और वर्तमान, दोनों पर एक साथ.... जागा हुआ ही
ध्यान योगी है

- अरुण

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