असली दिक़्क़त

पेड़ आँख से गुजरता है
तो मस्तिष्क देखता है उसे
जैसा का तैसा
दिमाग़ पढ़ता है उसे
जैसा चाहे वैसा
बस यही तो है असली दिक़्क़त 

-अरुण

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