कुछ शेर

सुकून मिल न सके ख्याले सुकूं के आते
शोर को पूरी तरह देखे वही पाता सुकून

चलती गाड़ी का ही हो चाक बदलना जैसे
जीते जी ख़ुद की मौत देख पाना बामुश्किल

होश को जो भी दिखे, सच है वही
पुस्तकों में जो लिखा, सब झूठ है
........................................................ अरुण

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